मिर्गी के मरीजों में विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों एवं दांतों में कमजोरी गीता भवन हॉस्पिटल में मिर्गी मरीजों के लिए आयोजित शिविर में हुई जांच से पता चला

14 दिसंबर। मिर्गी के 90 प्रतिशत मरीजों में विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियों में फ्रेक्चर एवं दांतांे में तकलीफ जैसी शिकायतें आम बात हो गई है। एक सर्वेक्षण से पता चला है कि सामान्यतः 30 प्रतिशत मरीजों मंे विटामिन डी की कमी प्रमुख कारण बना हुआ है।
गीता भवन हॉस्पिटल में इंदौर मिर्गी रोग विशेषज्ञ एसो. समिति द्वारा आयोजित 208वें मिर्गी शिविर में 50 मरीजों का विटामिन डी का रक्त परीक्षण एवं बीएमडी टेस्ट किया गया। इसमें यह तथ्य सामने आया कि 90 प्रतिशत मरीजों में आस्थियोपीनिया बीमारी के लक्षण मौजूद हैं। अक्सर मिर्गी के मरीजों में हड्डियों के टूटने का जोखिम बना रहता है। हड्डियों की सघनता में भी कमी आ जाती है। इस बीमारी का मुख्य कारण विटामिन डी की कमी है जिसका अब पता चल रहा है हालांकि इन मरीजों मंे कैल्शियम का स्तर सामान्य पाया गया। इस शिविर का शुभारंभ गीता भवन अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. आर.के. गौड़ ने किया। डॉ. व्ही.व्ही. नाडकर्णी ने मरीजों को मिर्गी प्रतिरोधी दवाईयां एवं विटामिन डी की गोलियां नियमित रूप से लेने की सलाह दी। आस्थियोपीनिया के मरीजों को इन गोलियां का नियमित सेवन करना चाहिए। आहार में भी संतुलन तथा कैल्शियमयुक्त वस्तुओं सेवन तथा नियमित व्यायाम की सलाह भी दी गई।
संलग्न चित्र - इंदौर मिर्गी रोग विशेषज्ञ एसो. समिति के गीता भवन हॉस्पिटल में आयोजित शिविर में मिर्गी मरीजांे के साथ डॉ. गौड़ एवं डॉ. व्ही.व्ही. नाडकर्णी।